कोकम, गार्सिनिया इंडिका वृक्ष का फल, भारत के पश्चिमी घाट के उष्णकटिबंधीय वर्षावनों, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक और केरल में पाया जाता है। हमारा प्राकृतिक कोकम, उन किसानों से प्राप्त होता है जो अपनी कृषि पद्धतियों में कीटनाशकों और रसायनों का उपयोग नहीं करते हैं। कोकम के फल को धूप में सुखाया जाता है और करी और स्टू में तीखापन लाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इससे गर्मी से राहत पाने के लिए स्वादिष्ट ठंडे पेय भी बनाए जाते हैं।
इसे क्यों खायें?
इसमें कई ज़रूरी विटामिन जैसे विटामिन ए, विटामिन बी3, विटामिन सी और कैल्शियम, आयरन, मैंगनीज़, पोटैशियम और ज़िंक जैसे खनिज प्रचुर मात्रा में होते हैं। इसमें फोलिक एसिड, एस्कॉर्बिक एसिड, एसिटिक एसिड, हाइड्रॉक्सी साइट्रिक एसिड और फाइबर प्रचुर मात्रा में होते हैं। कोकम जूस का सेवन किसी भी मौसम में किया जा सकता है क्योंकि यह पाचन के लिए अच्छा होता है। आयुर्वेद में कोकम का उपयोग घावों, त्वचाशोथ, कान के संक्रमण के इलाज और पाचन क्रिया को बेहतर बनाने के लिए किया जाता रहा है। इस फल का छिलका भूख कम करने, वज़न घटाने में मदद करने, हृदय स्वास्थ्य और प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए जाना जाता है। पेय पदार्थों में स्वाद के रूप में इसका उपयोग करके गर्मी से बचें!
यूट्यूब चैनल
फेसबुक - वेलनेस ग्रुप
फेसबुक - वेलनेस ग्रुप
व्हाट्सएप चैनल
समूह में शामिल हों
इंस्टाग्राम चैनल
हमारा अनुसरण करें